*शादी के पहले वर वधु की दशा पर विचार अवश्य करे*
जब हम किसी परिवार से विवाह संबंध कर रहे है तो वर वधु दोनों किए ग्रह दशा पर विचार करना अति आवश्यक है,क्योंकि यही दशा ही आपके जीवन को प्रभावित करेगी, जब हम विवाह संबंध करते है तो हम एक अजनबी परिवार से जुड़ते है, लड़की लड़के के घर आती है, जो उसके लिए पूरी तरह से नया होता है, यहां लड़की को एक अज्ञात भय काम करने लगता है,जिसे दूर करने के लिए वो अपनी सुरक्षा की व्यवस्था करती है, फलस्वरूप ग्रह क्लेश और कोर्ट कचहरी कानून की धमकी और घर टूटने की नौबत आ जाती है, इसके लिए जब भी आप कोई संबंध करे तो यह अवश्य देखे कि विवाह की अवधि के समय वर वधु को शनि, राहु, केतु मंगल , सूर्य की विभाजन दशा तो नहीं चल रही है, आपके लड़के और लड़की की कुंडली में विवाह योग अशुभ तो नहीं है, केवल विवाह करने के चक्कर में आप किसी बड़े चक्कर में तो नहीं पड़ने जा रहे, यदि विवाह के समय दोनों में से किसी को भी ऐसी अशुभ दशा चल रही है तो उन ग्रह दोषों को अवहेलना करने की अपेक्षा उनकी शांति और वैदिक उपायों का सहारा ले न की पुलिस और कानून के चक्कर में पड़े, क्योंकि यहां पर आकर आपको परेशान ही होना है, जब भी आप कोर्ट कचहरी और पुलिस की शरण में जाते है तो शनि और राहु आपको वैसे ही अपने घेरे में ले लेते है, हिंदू विरोधी सरकार ने हिंदू समाज को बाटने और खत्म करने के लिए ऐसे कानून बनाए की परिवार में झगड़े होते रहे, लोग कोर्ट के चक्कर काटते रहे और बर्बाद हो जाएं, ये साजिश हिन्दू समाज की नारी शक्ति को समझना होगी।
*पंडित चंद्रशेखर नेमा हिमांशु*(9893280184)
मां कामख्या साधक जन्मकुंडली विशेषज्ञ वास्तु शास्त्री